Surrogacy in Hindi – क्या होती है सरोगेसी?

Surrogacy in Hindi - क्या होती है सरोगेसी?
Surrogacy in Hindi-क्या होती है सरोगेसी?

Surrogacy in Hindi: सरोगेसी में जैविक मां-बाप कौन होते हैं? सेक्स के बिना कैसे पैदा होता है बच्चा, जानिए जरूरी बातें – Gestational Surrogacy in Hindi

सरोगेसी से तमाम सेलिब्रिटी पैरेंट्स बने हैं. Surrogacy in Hindi – क्या होती है सरोगेसी? भारत में भी कई लोग ऐसे हैं जो सरोगेसी के जरिए बच्चा चाहते हैं लेकिन ये प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है. आइए जानते हैं सरोगेसी की क्या चुनौतियां हैं और इससे पैदा होने वाले बच्चों का जैविक मां-बाप कौन होता है ट्रेडिशनल सरोगेसी, कमर्शियल सरोगेसी(Gestational Surrogacy in Hindi).

What is surrogacy : Surrogacy in Hindi (Gestational Surrogacy in Hindi)

हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा सरोगेसी से मां बनी हैं. प्रियंका चोपड़ा की मां बनने की खबरों ने सभी को चौंका दिया है. वैसे सरोगेसी के जरिए मां बनना कोई पहला मामला नहीं हैं. प्रियंका से पहले भी कई स्टार्स सरोगेसी के जरिए माता-पिता बन चुके हैं. ऐसे में बहुत से कपल्स के मन में सरोगेसी को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं, आज हम आपके साथ सरोगेसी को लेकर कुछ जानकारियां शेयर करने जा रहे हैं.  साथ ही आपको बताएंगे कि भारत में सरोगेसी को लेकर क्या नियम और कानून हैं.

क्या होती है सरोगेसी? (Gestational Surrogacy in Hindi)

सरोगेसी का विकल्प उन महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है जो प्रजनन संबंधी मुद्दों, गर्भपात या जोखिम भरे गर्भावस्था के कारण गर्भ धारण नहीं कर सकतीं. सरोगेसी को आम भाषा में किराए की कोख भी कहा जाता है,  यानी बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है, तो इस इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है,यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है. अपने पेट मे दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है.

कितने तरह की होती है सरोगेसी

सरोगेसी 2 तरह की होती है. आइए जानते हैं इनके बारे में-

ट्रेडिशनल सरोगेसी-

इस तरह की सरोगेसी में होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच कराया जाता है. फिर डॉक्टर कृत्रिम तरीके से सरोगेट महिला के कर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब्स या यूटेरस में स्पर्म को सीधे प्रवेश कराते हैं. इससे स्पर्म बिना किसी बाधा के महिला के यूटेरस में पहुंच जाता.सरोगेट मदर फिर नौ महीने बच्चे को अपनी कोख में पालती है. इसमें सरोगेट मदर ही बॉयोलॉजिकल मदर होती है. इस स्थिति में अगर होने वाले पिता का स्पर्म इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है तो पिता का भी बच्चे से जेनेटिकली रिलेशन नहीं होता है.इसे ट्रेडिशनल या पारंपरिक सरोगेसी कहा जाता है.

जेस्टेशनल सरोगेसी- इस तरह की सरोगेसी में सरोगेट मदर का बच्चे से रिलेशन जेनेटिकली नहीं होता है, यानी प्रेग्नेंसी में सरोगेट मदर के एग का इस्तेमाल नहीं

जेस्टेशनल सरोगेसी की मेडिकल प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है. इसमें आईवीएफ तरीका अपनाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे सरोगेट महिला में ट्रांसफर किया जाता वैसे तो आईवीएफ का इस्तेमाल ट्रेडिशनल सरोगेसी में भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (IUI) ही अपनाया जाता है. IUI ज्यादा आसान मेडिकल प्रक्रिया है. इसमें सरोगेट महिला को तमाम तरह की जांच और ट्रीटमेंट नहीं कराने पड़ते हैं. ट्रेडिशनल में चूंकि सरोगेट का एग ही इस ही इस्तेमाल होता है इसलिए बच्चा चाह रही महिला को भी एग निकालने की वजह से होने वाली तमाम दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है.

भारत में सभी आईवीएफ केंद्रों में जेस्टेशनल सरोगेसी अधिक प्रचलित है क्योंकि इसमें आगे चलकर सरोगेट मदर और बच्चे को लेकर विवाद होने का खतरा कम होता है.  इस प्रकार की सरोगेसी को आगे दो प्रकार की व्यवस्था में वर्गीकृत किया गया है- परोपकार के मकसद से की गई सरोगेसी और कमर्शियल या व्यापारिक सरोगेसी.

(परोपकारी सरोगेसी)   Altruistic Surrogacy- Altruistic Surrogacy

वह होती है, जब दंपति अपने साथ रहने के लिए एक सरोगेट को आमंत्रित करता है, ऐसे में सरोगेट महिला कोई जान-पहचान वाली या अनजान भी हो सकती है. इस स्थिति में दंपत्ति ही सरोगेट मदर के सभी खर्चे उठाता है.

कमर्शियल सरोगेसी-

 कमर्शियल सरोगेसी में बच्चे को जन्म देने के लिए सरोगेट मां को भुगतान किया जाता है, भारत में कई कारणों के चलते कमर्शियल सरोगेसी बैन है

सरोगेसी क्या है? (Meaning of surrogate in Hindi)

बदलते ज़माने के साथ लोगों की सोच भी बदली है। वही सरोगेसी एक ऐसा वरदान है, उन महिलाओं के लिए जो माँ बनने के सुख से वंचित हैं। लेकिन यह सरोगेसी क्या है in Hindi? (Surrogacy Kya Hai in Hindi)

आई वी एफ सरोगेसी को बाँझ दम्पत्ति अपनाकर माता-पिता का सुख पा सकते हैं। सरोगेसी की सुविधा वे महिलाएं ले सकती है, जो शारीरिक समस्या के कारण माँ नहीं बन सकती। ऐसे में दूसरी महिला के कोख को प्रयोग में लेने को सरोगेसी कहा जाता है।

सरोगेट मदर क्या है? (What is Surrogate Mother in Hindi?)

सरोगेसी प्रक्रिया को करने वाली महिला सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहलाती है। सरोगेट मदर बनने का निर्णय पूर्ण रूप से महिला की इच्छा से होता है। किसी भी तरह की जबरदस्ती करके यह फ़ैसला नहीं करवाया जा सकता है। माता-पिता और सरोगेट माँ के बीच एक अनुबंध किया जाता है कि भ्रूण बनने के बाद से लेकर शिशु के जन्म तक की देख-रेख उनकी निगरानी में होगी। साथ ही बच्चे पर केवल माता-पिता का ही हक होगा। इस प्रक्रिया में माता-पिता को इंटेंडेड पेरेंट्स (Intended Parents) कहा जाता है और यह तीसरा प्रजनन पक्ष (Third Party Reproduction) कहलाता है।

सरोगेसी का कारण

जिन महिलाओं के गर्भाशय या अंडाशय में कोई समस्या होती है या किसी अन्य कारण से वह माँ बनने में असक्षम होती है, सरोगेसी के ज़रिए वह माँ बनने का सुख प्राप्त कर सकती है। सरोगेसी कई बार पुरुष के शुक्राणु की समस्या की वजह से भी करवाया जा सकता है।

सरोगेसी कितने प्रकार की होती है? – क्या होती है सरोगेसी

सरोगेसी दो तरह की होती हैं- ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी।

ट्रेडिशनल सरोगेसी (Traditional Surrogacy in Hindi) – क्या होती है सरोगेसी

ट्रेडिशनल सरोगेसी में सबसे पहले पिता के शुक्राणुओं को किसी एक अन्य महिला के अंडे के साथ निषेचित किया जाता है। जिसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है।

जेस्टेशनल सरोगेसी (Gestational Surrogacy in Hindi)

जेस्टेशनल सरोगेसी में परखनली प्रक्रिया यानि आई वी एफ के ज़रिए माता-पिता के अंडे व शुक्राणुओं को लेकर भ्रूण तैयार किया जाता है। जिसको फिर सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है। इस प्रकार की सरोगेसी प्रक्रिया में सरोगेट माँ का बच्चे के साथ कोई भी आनुवंशिक संबंध नहीं होता है।

सरोगेसी बिल 2019 – क्या होती है सरोगेसी and कमर्शियल सरोगेसी

सरोगेसी का दुरूपयोग रोकने के लिए सरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2019 पास करने का प्रस्ताव रखा गया है।

लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के द्वारा इस बिल को पेश किया गया था। इस बिल में नेशनल सरोगेसी बोर्ड, स्टेट सरोगेसी बोर्ड के गठन की बात है। वहीं सरोगेसी की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने का भी प्रावधान है।

2016 में सरोगेसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस बिल को लाया गया था। मगर अब इसके नए प्रारूप को सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 नाम से पेश किया गया है।

सरोगेसी की अनुमति सिर्फ संतानहीन विवाहित दंपतियों को ही मिलेगी। साथ ही सरोगेसी की सुविधा का इस्तेमाल लेने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होंगी। जैसे जो महिला सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार होगी, उसकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान सरोगेसी की सुविधा लेने वाले को रखना होगा।

सरोगेसी में मेडीकवर फर्टिलिटी का संयोग – क्या होती है सरोगेसी

Mcure फर्टिलिटी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक है। आधुनिक उपकरणों से जाँच की प्रक्रिया की जाती है। Mcure फर्टिलिटी ने आई वी एफ सरोगेसी (Surrogacy in Hindi) के कई सफल ट्रीटमेंट किए हैं जिनसे कई लोगों को माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ है। साथ ही इस बात का पूरी तरह से ध्यान रखा जाता है की सरोगेसी का दुरुपयोग ना हो।

यहाँ के डॉक्टर सभी तरह के ट्रीटमेंट करने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं। साथ ही Mcurefertility में आपकी जानकारी पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाती है। यदि आपको इस विषय से सबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस नंबर पर +91-8826323757 संपर्क कर सकते हैं।

FAQs – क्या होती है सरोगेसी and कमर्शियल सरोगेसी

प्रश्न: सरोगेट माँ कैसे गर्भवती होती है? (How does surrogate mother get pregnant?)

उत्तर: “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन” (आई वी एफ) तकनीक की मदद से माँ के अंडे को पिता के शुक्राणु के साथ लैब में निषेचित किया जाता है और निषेचित अंडे यानि भ्रूण को एक सरोगेट महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।

प्रश्न: क्या सरोगेट माँ के डी एन ए का अंश बच्चे में मौजूद होगा? (Does a surrogate mother share DNA with the baby?)

उत्तर: बच्चे में सरोगेट माँ का कोई डी एन ए मौजूद नहीं होगा। हालाँकि, यह निर्भर करेगा सरोगेसी के प्रकार पर, इसलिए सरोगेसी यात्रा शुरू करने से पहले, सरोगेसी के प्रकारों के बीच के अंतर को समझना महत्वपूर्ण है।

प्रश्न: क्या बच्चे सरोगेट माँ की तरह दिखते हैं? (Do babies look like surrogate mother?)

उत्तर: यह निर्भर करता है सरोगेसी के प्रकार पर की बच्चा सरोगेट माँ की तरह दिखेगा या नहीं। ट्रेडिशनल सरोगेसी के मामले में बच्चा सरोगेट माँ की तरह दिख सकता है, और जेस्टेशनल सरोगेसी के मामले में बच्चा सरोगेट माँ की तरह नहीं दिखता है।

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