पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा : प्राकृतिक तरीके से समग्र स्वास्थ्य को ठीक करके कामेच्छा (Libido) और यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने पर जोर देता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण यह मानता है कि एक स्वस्थ यौन जीवन के लिए “शुक्र धातु” (वीर्य और प्रजनन ऊतक) का स्वस्थ होना जरूरी है और इसके लिए “वाजीकरण” थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और दवाएँ बताई गई हैं, जिन्हें पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने के लिए जाना जाता है:
प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ (Herbs):
- अश्वगंधा (Ashwagandha):
- लाभ: इसे सबसे प्रमुख कामोद्दीपक (अफ़्रोडाइज़ियक) माना जाता है। यह तनाव कम करती है, ऊर्जा बढ़ाती है, सहनशक्ति बढ़ाती है और टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है।
- कैसे लें: रोजाना रात में सोने से पहले गर्म दूध के साथ 1-2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण।
- शतावरी (Shatavari):
- लाभ: यह जड़ी-बूटी सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है। यह हार्मोन को संतुलित करती है, ताकत देती है और शुक्र धातु को पोषण देती है।
- कैसे लें: दूध या गुनगुने पानी के साथ।
- कपिकच्छू / मूखा बीज (Kaunch Beej):
- लाभ: इसे आयुर्वेद में वाजीकरण की श्रेणी में रखा जाता है। यह सीधे तौर पर कामेच्छा बढ़ाने, शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या सुधारने के लिए प्रसिद्ध है।
- कैसे लें: चूर्ण या कैप्सूल के रूप में।
- गोक्षुर (Gokshura):
- लाभ: यह मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ पुरुष हार्मोन को बैलेंस करने और यौन इच्छा बढ़ाने का काम करता है।
- कैसे लें: चूर्ण के रूप में दूध के साथ।
- सफेद मूसली (Safed Musli):
- लाभ: यह एक शक्तिशाली टॉनिक है जो शारीरिक कमजोरी दूर करके ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है। इसे प्राकृतिक वियाग्रा भी कहा जाता है।
- कैसे लें: दूध के साथ इसका चूर्ण लिया जा सकता है।
प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवाएँ (Formulations):
ये दवाएँ उपरोक्त जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार की जाती हैं:
- अश्वगंधारिष्ट: एक तरल टॉनिक जो ताकत और कामेच्छा बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
- च्यवनप्राश: एक रासायन (टॉनिक) जो प्रतिरोधक क्षमता और समग्र ऊर्जा बढ़ाता है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शिलाजीत (Shilajit): यह एक खनिज पदार्थ है जो ऊर्जा, सहनशक्ति और टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसे अक्सर दूध के साथ लिया जाता है।
- मूखा कपिकच्छू वटी / चूर्ण: विशेष रूप से कामेच्छा और प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए बनाई गई दवा।
महत्वपूर्ण सलाह और चेतावनी:
- किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक (Vaidya) से सलाह लें: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा या जड़ी-बूटी न लें। आयुर्वेदिक उपचार व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार दिया जाता है।
- गुणवत्ता पर ध्यान दें: अच्छे ब्रांड (जैसे डाबर, पतंजलि, हिमालया, बैद्यनाथ, आदि) की ही उत्पाद खरीदें ताकि शुद्धता सुनिश्चित हो।
- धैर्य रखें: आयुर्वेदिक दवाएँ रातोंरात काम नहीं करतीं। इन्हें नियमित रूप से कुछ हफ्तों या महीनों तक लेने पर ही स्थायी और बेहतर परिणाम मिलते हैं।
- जीवनशैली जरूरी है: सिर्फ दवाएँ लेना काफी नहीं है। इनके साथ संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन जरूरी है।
- अंतर्निहित समस्या: अगर कामेच्छा में कमी का कारण कोई गंभीर हार्मोनल असंतुलन या मेडिकल स्थिति है, तो आयुर्वेद के साथ-साथ एलोपैथिक डॉक्टर से भी परामर्श करना जरूरी है।
निष्कर्ष: अश्वगंधा, शतावरी, शिलाजीत और सफेद मूसली जैसी जड़ी-बूटियाँ प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन इन्हें किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही लेना चाहिए।
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